Fatty Liver ke Lakshan In Hindi: Full जानकारी- लक्षण, कारण और उपचार।

दोस्तों। आज हम जानेंगे Fatty Liver ke Lakshan के बारे में लेकिन उससे पहले हम ये समझेंगे की लिवर हमारे शरीर में क्यों Important है। लीवर हमारे शरीर का एक बहुत ही Important organ है जो शरीर में बहुत से महत्वपूर्ण कार्य करता है, ये आपके स्वस्थ्य और शरीर को से सही चलने में मदद करता है। लिवर शरीर से विषैले पदार्थ को निकालने में कदद करता है, जैसे की Alcohol, Drugs और अन्य harmful substance. ये जरुरी protiens बनाता है जो खून को शरीर से बाहर जमने, रोग से लड़ने, और महत्वपूर्ण Hormones के निर्माण के लिए जरुरी होते है।

लिवर Bile juice को produce करवाता है जो भोजन के पाचन में बहुत मददगार होते है खासकर के Fat को पचाने में। जब शरीर में आपके Glucose की कमी हो जाती है तब लिवर Non-carbohydrate Source से glucose बनाकर आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। ये खून को filter भी करता है, impurities को हटाता है और blood sugar को maintain रखता है। Overall, लिवर आपके शरीर की critical function, और स्वास्थ्य में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Fatty Liver ke Lakshan

 

फैटी लीवर रोग क्या है ? (Fatty Liver Disease in Hindi)

फैटी लीवर रोग एक ऐसा Medical condition है जिसमें आपके लीवर में वसा (Fat) जमा हो जाती है, जिसके वजह से लिवर में धीरे धीरे सूजन आ जाती है। मतलब जब हमारे शरीर में कुछ फैट जैसे ट्राइग्लिसराइड्स(Tryglycerides) लिवर की कोशिकाओं में जमने लगती है जिसकी वजह से लीवर सामान्य रूप से कार्य करने में असमर्थ हो जाता है। तब उस स्थिति को फैटी लिवर रोग कहा जाता है। मुख्यत: जब 5 % से ज्यादा फैट लिवर में जमा हो जाता है तब उस Condition को हम ये मानेंगे की फैटी लिवर रोग हो गया है।

फैटी लिवर रोग से ग्रसित होने वाले व्यक्तियों में शुरुआत में कोई लक्षण (Fatty Liver ke Lakshan) नजर नहीं आते है और न ही ये जल्दी दिखते हैं। इनका असर बहुत देर से देखने को मिलता है। आमतौर पर फैटी लिवर के जो मरीज होते है उन्हें कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन इसके कई गंभीर मामले भी होते है जैसे लिवर का damage होना।

फैटी लिवर के लक्षण : (Fatty Liver ke Lakshan In Hindi)

फैटी लिवर की बीमारी से ग्रसित होने वाले मरीजों में शुरु में कोई लक्षण नहीं दिखते, आम तौर पर 40-60 वर्ष की उम्र वालो में यह(Fatty Liver ke Lakshan) देखने को मिलता है लेकिन अगर आपको शरीर में निचे बताए हुए लक्षण दिखे तो इसको जरा भी अनदेखा न करें। जैसे-

  1. थकान (Fatigue): लिवर के मरीज़ों को अक्सर थकान महसूस होती है, वो लगातार बिना किसी काम के ही खुद को थका हुआ सा महसूस करते हैं।
  2. पेट में दर्द (Stomach ache): लिवर के कारण आपके पेट के ऊपरी हिस्से में बायीं तरफ दर्द हो सकता है, और इसी दर्द का स्थाई रूप से रहना भी एक लक्षण हो सकता है।
  3. आंखों और त्वचा में पीलापन (Yellowing of Eyes and Skin): लिवर के अग्रिम मामलों में आंखों और त्वचा में पीलापन दिखाई देने लगता है।
  4. चक्कर आना (Dizziness): कई बार लिवर में चक्कर आना भी एक लक्षण हो सकता है।
  5. भूख में कमी (loss of appetite): कुछ लोगों में लिवर में भूख कम होने के कारण भूख कम होने लगती है, जो वजन घटने का कारण भी बन सकता है।
  6. कब्ज़ (Constipation) या दस्त (Diarrhea): कभी-कभी पेट में कब्ज महसूस होती है या फिर दस्त भी हो जाती है, या कभी-कभी पेट में गैस भी महसूस होती है।
  7. श्वेत पदार्थ (White Stool): जब कोई व्यक्ति लिवर के पदार्थ का अवशेष होता है तब मल त्यागते हैं, लेकिन उनके मल में सामान्य रंग के बजाय श्वेत पदार्थ या श्वेत पदार्थ का घटक होता है।
  8. वजन में बढ़ोतरी (मोटापा): लिवर में वजन बढ़ना भी एक सामान्य लक्षण है।

फैटी लिवर रोग के कारण : (Causes Of Fatty Liver Disease)

आज के दौर में फैटी लिवर एक आम बीमारियो में से एक है।अमूमन ये बीमारी Middle age के लोगो में ही होती है लेकिन आजकल ये बच्चो में भी देखी जा सकती है। इसका सबसे आम कारण है, ज्यादा शराब पीना । लेकिन शराब पिने के अतिरिक्त, फैटी लीवर के अन्य सामान्य कारण भी हैं जैसे –

  1. Unhealthy lifestyle (Sedentry lifestyle): अपने जीवन शैली में Processed and Packaged foods, तथा Fast food को शामिल करना एक मुख्य कारण है लिवर के फैटी होने का जिसके वजह से वजन भी बढ़ जाता है।
  2. अधिक शराब का सेवन: शराब का अधिक सेवन भी लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है और Alcoholic fatty liver रोग का कारण भी बन सकता है।
  3. Genetic Factors(आनुवंशिक कारक): कुछ लोगों में आनुवंशिक प्रवृत्ति होती है, जिसका असर उनके लीवर स्वास्थ्य पर पड़ता है। अगर किसी के परिवार में फैटी लिवर की बीमारी है, तो उनका भी जोखिम बढ़ जाता है।
  4. Type 2 Diabetes, Insulin Resistance: मधुमेह होने पर इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ जाता है, जिसे लीवर ग्लूकोज को सही तरह से प्रक्रिया नहीं मिल पाती, और वसा जमा हो जाता है।
  5. High B.P(उच्च रक्तचाप): उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति में भी फैटी लीवर रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
  6. High Cholesterol Level(उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर): उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण लीवर पर दबाव पड़ता है, और फैटी लीवर रोग हो सकता है।
  7. Rapid Weight Loss(तेजी से वजन घटाना): तेजी से वजन घटाने का प्रयास करने से भी लीवर को नुक्सान हो सकता है, जिसे फैटी लीवर रोग ट्रिगर हो सकता है।
  8. Hepatitis B,C: हेपेटाइटिस बी या सी के कारण भी लीवर में सूजन होती है, जिससे फैटी लीवर रोग का खतरा बढ़ जाता है।
  9. आयु और हार्मोनल परिवर्तन: व्यक्ति के उम्र के साथ-साथ हार्मोनल परिवर्तन भी फैटी लीवर रोग के कारण हो सकता है।
  10. Hypothyroidism: Hypothyroidism के भी वजह से लिवर affect होता है जिसके वजह से फैटी लिवर होने का खतरा और भी बढ़ जाता है।

Fatty Liver ke Lakshan

फैटी लिवर का उपचार : (Fatty Liver Treatment)

 

जैसा की हम जानते है की फैटी लिवर एक Lifestyle से सम्बंधित बीमारी है, तो जिन बीमारियों की वजह से फैटी लिवर हो रहा है, उनको अगर हम अच्छे से control करले जैसा की आपने ऊपर फैटी लिवर रोग होने के कारण को पढ़ा तो हम इस बीमारी से खुद को बचा सकते है और इतना ही नहीं अगर बीमारी ज्यादा बढ़ गयी है तो इसे reverse भी किया जा सकेगा। इसके लिए हमे थोड़ा शुरुआत में Fatty Liver ke Lakshan को समझना होगा।

अधिकांश लोगो को लगता है की पेट की सारी की सारी प्रोब्लेम्स जैसे Digestion की प्रॉब्लम, या पेट में गैस बनना, इन्ही सब बीमारी के कारण उनका लिवर फैटी हो रहा है तो ऐसा सोचना बिल्कुल भी गलत है क्युकी ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

  • स्वस्थ आहार: आपको संतुलित और स्वस्थ आहार का पालन करना चाहिए। इसमें फल, सब्जी, साबुत अनाज, और हल्का प्रोटीन शामिल होना चाहिए।
  • वजन नियंत्रण: अगर आपका वजन अधिक है, तो इसे नियमित करने पर ध्यान देना जरूरी है। थोड़ा वजन कम करना भी लीवर की सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।
  • व्यायाम: नियम व्यायाम से वजन नियंत्रण में मदद मिलती है और लीवर को भी स्वस्थ रखा जाता है। कम से कम 30 मिनट तक पैदल चलना या फिरव्यायाम करना फ़ायदेमंद हो सकता है।
  • शराब से परहेज: अगर आपको अल्कोहलिक फैटी लिवर की बीमारी है, तो शराब का सेवन पूरी तरह से बंद करना जरूरी है।
  • मधुमेह नियंत्रण: यादी आपको मधुमेह है, तो ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना और डॉक्टर की सलाह लेना भी जरूरी है।
  • कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण: कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रण में रखना जरूरी है। इसके लिए आपको कम वसा और कम कोलेस्ट्रॉल वाले आहार का पालन करना होगा।
  • प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें: प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और उच्च चीनी या उच्च वसा वाले भोजन से परहेज करना चाहिए।
  • नियमित स्वास्थ्य जांच: नियामित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाना भी महत्वपूर्ण है ताकि किसी भी समस्या को पहले ही पहचान जा सके।

कुछ मामलों में दवैयों का भी इस्तमाल होता है, लेकिन वो उतनी कारगर नहीं है। अगर आप दवाईयां ले भी रहे है तो हमेशा डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

Fatty Liver ke Lakshan

फैटी लिवर को ठीक करने के लिए कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण घरेलू उपाए

फैटी लीवर को ठीक करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे होते हैं, लेकिन इनका असर व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है। यादी आपका फैटी लीवर है, तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। यहां कुछ घरेलू नुस्खे हैं जो आप अपना सकते हैं-

  1. लौकी का रस: लौकी का रस निकल कर सुबह-शाम पियें। लौकी लीवर को सुरक्षित रखता है।
  2. मेथी दाना: मेथी दाना पानी में भीगोकर सुबह खाली पेट खाएं या फिर मेथी दाना पाउडर को दूध के साथ ले लें।
  3. आंवला (इंडियन गूज़बेरी): आंवला लीवर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इसे जूस बना कर या फिर कच्चे रूप में सेवन करें।
  4. ग्रीन टी: ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है और लिवर को सपोर्ट करती है। नियमित रूप से ग्रीन टी पियें।
  5. हल्दी (Turmeric): हल्दी लीवर की सूजन को कम करने में मदद करती है। अपने खाने में हल्दी का इस्तमाल बढ़ाया।
  6. Vitamin-E: विटामिन ई लीवर के लिए फ़ायदेमंद होता है। सूखे मेवे और बीज का सेवन करें।
  7. Hydration: पर्याप्त पानी पीने से लीवर को डिटॉक्सिफिकेशन में मदद मिलती है। कम से कम 8-10 गिलास पानी पियें।
  8. Avoid junk $ Processed Food:  प्रोसेस्ड और जंक फूड से बचने का प्रयास करें। स्वस्थ आहार का पालन करें।
  9. व्यायाम: नियमित व्यायाम से वजन नियंत्रण में मदद मिलती है, जो लीवर स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  10. नींद: अच्छी नींद भी लीवर के लिए महत्वपूर्ण है। रोज़ाना काफ़ी नींद ले        To Know more visit here…

 

यदि आप किसी भी घरेलू उपाय का पालन करना चाहते हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें और उनकी सलाह पर अमल करें। 

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