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मोतियाबिंद क्या है? लक्षण, कारण, और ऑपरेशन की Full जानकारी – In Hindi. 01

मोतियाबिंद क्या है? (Cataract in Hindi)

मोतियाबिंद क्या है ? आईये समझते है। ये हम सभी जानते हैं की आँख हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। हम अपनी आँखों से ही इस खुबसुरत दुनिया को देख पाते है। हम जो भी वस्तु देखते है उसे हमारी आँख की Cornea और lens के द्वारा आँख के पिछले पर्दे पर (जिसे Retina कहते है) Focus किया जाता है और फिर उस चीज को हम clearly देख पाते है।

यदि इन आँखों के लेंस में कुछ दुँधलापन आ जाये तो फिर ये Focus क्लियर नहीं हो पाता और हमे धुंधला दिखाई देता है या यु कहे तो जब आँखों की लेंस का Clouding होता है जिससे किसी वयक्ति की आँखों के लेंस में धुंधले धब्बे विकसित हो जाते है, इसी धुंधलेपन को मोतियाबिंद कहा जाता है। यह दुनिया भर में दृश्य हानि का सबसे आम कारण है, तथा इस स्थिति से जुड़ा कोई दर्द नहीं होता है।

मोतियाबिंद

 

मोतियाबिंद के लक्षण : (Motiya bind Symptoms)

मोतियाबिंद आंख के लेंस में होने वाले बदलाव के कारण होते हैं। ज्यादातर धीरे-धीरे विकसित होते हैं और शुरूआती दिनों में दृष्टि प्रभावित नहीं होती है, लेकिन वक़्त के साथ साथ यह आपकी देखने की क्षमता को प्रभावित करता है। इसके कारण व्यक्ति को अपनी प्रतिदिन की सामान्य कार्यो को करना भी मुश्किल हो जाता है। कुछ प्रमुख लक्षण है। जैसे…..

  • उम्र का बढ़ना (बुढ़ापा) : बुजुर्गों में निकट दृष्टि दोष में निरंतर बढ़ोतरी की समस्या।
  • दृष्टि में धुंधलापन या अस्पष्टता आना।
  • (डबल विज़न) प्रभावित आँखों में कुछ मामलों में दोहरी दृष्टि होना।
  • रात के वक़्त रोशनी के चारों ओर धुंधला सा कोहरा नजर आना।
  • लगातार चश्मे के नंबर में बदलाव आना ।
  • आघात (चोट): आंख को लगने वाले गहरे चोट या सर्जरी के बाद भी हो सकता है।
  • रंगों को देखने की क्षमता में बदलाव तथा रंगों में फीकापन देखना ।
  • रात में ड्राइविंग करते वक़्त सामने से आती गाड़ी की हेडलाइट्स को देखकर आँखें चौंधियाना ।

मोतिया बिंद होने का कारण : (Causes of Cataract)

मोतियाबिंद के होने का मुख्य कारण आँख के lens में होने वाले बदलाव का है, ये बदलाव lens को धुंधला बना देती है। आमतौर पर यह होने का प्रमुख कारण उम्र है। इसके अलावा और भी कई कारण हो सकते है जैसे :

  • Medical conditions (रोग): जैसे Diabetes, High B.P का control न होना, या चयापचय संबंधी विकार।
  • Lifestyle Factors (जीवन शैली): तंबाकू का सेवन या अत्यधिक मात्रा में शराब पीना।
  • जेनेटिक्स (पारिवारिक इतिहास): अगर किसी के परिवार में यह हो, तो उनके बच्चों में भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
  • उम्र का बढ़ना (बुढ़ापा), और कई मामलो में मोटापा भी मोतियाबिंद होने का कारण बन सकता है।
  • आंखों को सूरज की तेज किरणों से बचाने के लिए धूप में चश्मा न पहचानना अधिक मात्रा में यूवी किरणें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं ।
  • आघात (चोट): आंख को लगने वाले गहरे चोट या सूजन।
  • कुछ दवाओं का अधिक सेवन करना तथा हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी।
  • Stress लेना,लंबे समय तक tension में रहना, या धूम्रपान करना।

मोतियाबिंद के घरेलु उपचार: (Home Remedy for Cataract)

क्या आपको मोतियाबिंद है, और आप कुछ घरेलु उपायों की मदद से अपनी इस बीमारी के खतरे को ख़त्म करना चाहते है। अगर आपको इसकी शुरुआत हुई है तो आप कुछ घरेलु उपाए की मदद से इसके बढ़ने के स्तर को कम कर सकते है। मोतियाबिंद को ठीक करने के लिए कोई भी घरेलु उपचार मायने नहीं रखता है, क्योंकि ये आंखों के लेंस में होने वाले बदलाव की करण होती है, जिसे घरेलु उपचार की मदद से ख़त्म नहीं किया जा सकता।

लेकिन, डॉक्टरों एव एक्सपर्ट्स का मानना है कि कईं रणनीतियां मोतियाबिंद की रोकथाम में सहायक हो सकती हैं,भले ही मोतियाबिंद के इलाज के लिए सर्जरी ही एकमात्र उपाय है, लेकिन किसी व्यक्ति को तुरंत इसकी आवश्यकता नहीं हो सकती है। इससे बचने या इसके प्रभाव को कम करने के लिए कुछ घरेलु उपाए इस प्रकार है। …

  1. हरे पत्तेदार साग आँखों को सवास्थ्य रखने में बहुत मदद करती है क्युकी इनमें भर भर के पोषक तत्व और Antioxidant पाए जाते है – पालक, बथुवा, केल इन तीनो साग में Lutin , Xeazanthin, Vitamin -C और Fibre होते है जो मोतियाबिंद के विकास को रोकती है।
  2. ठंडे पानी की मछली जैसे Salmon, Tuna, Mackerel में Omega-3-Fatty acid भरपूर होते है जिससे मोतियाबिंद होने से बचने में बहुत मदद मिलती है।
  3. कुछ खट्टे फल जैसे संतरे, अंगूर, निम्बू और जामुन इनमें भर भर के विटामिन-C , और एंटीऑक्सीडेंट मिलेंगे जिसके सेवन करने से मोतियाबिंद के जोखिम को कम करने के लिए फायदेमंद माना जाता है।
  4. सब्जियों में राजमा, काली सेम जैसी दालों को Zinc और Bioflavanoids का अच्छा स्रोत माना जाता है इससे Retina को बचाने का या मोतियाबिंद के होने के जोखिम कम है।
  5. Vitamin-A युक्त खाद्य पदार्थ , जैसे की गाजर, पालक, कद्दू, आम, पपीता, अमला, Broccoli, पुदीना आदि भोजन में शामिल करना न भूले।
  6. अगर आपको डायबिटीज या दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं हैं जिससे मोतियाबिंद का खतरा बढ़ रहा है उनका उचित इलाज अवस्य कराएं।
  7. धुम्रपान छोड़ें और शराब का सेवन कम से कम करें, और अपना वजन सामान्य बनाएं रखें।
  8. अंजीर का सेवन: अंजीर में विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन होता है, जो आंखों के लिए बहुत ही ज्यादा फ़ायदेमंद है।
  9. सूर्य की तेज UV-किरणों से बचने के लिए आंखों को ढक कर रखें या धूप के चश्मे का इस्तेमाल करें।
  10. 40 वर्ष के पश्चात अपनी आंखों की नियमित रूप से जांच कराएं और अगर थोड़ी भी समस्या हो तो तुरंत इलाज कराये।
  11. स्पिरुलिना का सेवन अवस्य करे।

 

 

मोतियाबिंद के इलाज के लिए सर्जरी ही एकमात्र उपाय है, कुछ सर्जरी इस प्रकार है। 

एक्सट्राकैप्सुलर कैटरेक्ट एक्सट्रैक्शन

एक्स्ट्रा कैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण (ईसीसीई) एक नेत्र शल्य चिकित्सा तकनीक है जिसे Cataract हटाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमे, सर्जन लेंस के बादल वाले हिस्से को अलग करके, लेकिन लेंस के एक बड़ा हिसा को बरकरार रखा है। इसके बाद, कृत्रिम इंट्राओकुलर लेंस (आईओएल) प्रत्यारोपण किया जाता है। ईसीसीई पारंपरिक Cataract सर्जरी का एक प्रकार है, जबकी आज कल फेकमूल्सीफिकेशन नामक आधुनिक तकनीक भी लोकप्रिय है।

इंट्राकैपस्यूलर कैटरेक्ट एक्सट्रैक्शन

इंट्रा कैप्सुलर मोतियाबिंद एक्सट्रैक्शन (आईसीसीई) एक नेत्र शल्य चिकित्सा तकनीक है, जिसमें सर्जन लेंस के सारे क्लाउड पोर्शन के साथ-साथ लेंस कैप्सूल को भी निकल देता है। इसके बाद, कृत्रिम इंट्राओकुलर लेंस (आईओएल) प्रत्यारोपण किया जाता है। आईसीसीई आज कल काम करती है, क्योंकि इसमें लेंस कैप्सूल का पूरा रिमूवल होता है, और फिर आईओएल प्लेसमेंट थोड़ा कॉम्प्लेक्स हो सकता है। आधुनिक तकनीक जैसे फेकमूल्सीफिकेशन और एक्स्ट्रा कैप्सुलर Cataract एक्सट्रैक्शन (ईसीसीई) आज कल अधिक प्रचलित है।

माइक्रो इंसिजन या रेग्युलर फैको कैटरेक्ट सर्जरी

सूक्ष्म चीरा Cataract सर्जरी और नियमित फेकोइमल्सीफिकेशन (फेको) मोतियाबिंद सर्जरी दोनों ही आधुनिक तकनीक हैं Cataract निकालने के लिए।

सूक्ष्म चीरा Cataract सर्जरी एमआईसीएस के रूप में जानी जाती है। इसमें सर्जन छोटे चीरे का इस्तेमाल करता है (कुछ मिलीमीटर के आस-पास) लेंस और मोतियाबिंद को निकालने के लिए।
ये सर्जरी मिनिमली इनवेसिव होती है और मरीज़ का रिकवरी टाइम कम होता है।
नियमित फेकमूल्सीफिकेशन Cataract सर्जरी (फेको):

फेकोइमल्सीफिकेशन Cataract सर्जरी में भी छोटे चीरे का काम होता है। सर्जन अल्ट्रासाउंड एनर्जी का इस्तेमल करता है मोतियाबिंद को तोड़, और फिर उसे निकाल देता है।
फेको सर्जरी भी न्यूनतम इनवेसिव होती है, लेकिन एमआईसीएस की तुलना में चीरे का आकार थोड़ा बड़ा होता है।
डोनो सर्जरी में कृत्रिम इंट्राओकुलर लेंस (आईओएल) प्रत्यारोपण किया जाता है मोतियाबिंद के निकलने के बाद, जिसकी दृष्टि बहाल हो सके। सूक्ष्म चीरा सर्जरी का फ़ायदा है कि चीरे का आकार और रिकवरी का समय दोनों कम होते हैं, लेकिन सर्जन की पसंद और मरीज़ की विशिष्ट स्थितियों पर निर्भर करता है कि कौन सा दृष्टिकोण बेहतर होगा।

रोबोटिक या फेमटोसेकंड कैटरेक्ट सर्जरी

रोबोटिक मोतियाबिंद सर्जरी और फेमटोसेकंड लेजर-असिस्टेड मोतियाबिंद सर्जरी (FLACS) में मोतियाबिंद सर्जरी की उन्नत तकनीकें हैं। ये डोनो टेक्नोलॉजीज सर्जिकल प्रिसिजन और एक्यूरेसी को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।

रोबोटिक मोतियाबिंद सर्जरी:

इसमें सर्जिकल रोबोट का इस्तमाल होता है, जो सर्जन को कंट्रोल करता है। रोबोट सटीक उपकरणों के साथ मार्गदर्शन करता है, जिसकी सर्जरी और सटीक हो सकती है।
रोबोटिक मोतियाबिंद सर्जरी एक विकसित होती तकनीक है और अभी तक सीमित केंद्रों में उपलब्ध है।
फेमटोसेकंड लेजर-असिस्टेड मोतियाबिंद सर्जरी (FLACS):

FLACS में फेमटोसेकेंड लेज़र का उपयोग होता है। लेजर की मदद से कॉर्निया और लेंस कैप्सूल में चीरे और कट लगाए जाते हैं।
ये तकनीक पारंपरिक मैनुअल स्टेप्स को रिप्लेस करके सर्जरी को और लगातार और सटीक बनाती है।
दोनों ही तकनीकों का मुख्य उद्देश्य सर्जरी को सुरक्षित और सटीक बनाना है। इनका इस्तमाल सर्जन की प्राथमिकता, मरीज की स्थिति, और उन्नत तकनीक के आधार पर होता है। ध्यान रखें कि ये प्रौद्योगिकियां लगातार विकसित हो रही हैं, और उनकी उपलब्धता और प्रभावशीलता में समय के साथ सुधार हो रहा है।

FAQ:

Que1: Motiyabind in english?

Ans: Motoyabind ko english me Cataract bolte hai. Cataract shabd latin word “cataracta” se liya gya hai jiska arth hai “waterfall” ya “flowing down”. Ye shabd aankh ke lens par hone wale cloudy deposits ko describe karne ke liye ishtemal hota hai. 

Que2: Motiyabind operation cost in hindi?

Ans: Motiyabind operation cost ka price depend karta hai ki kon se operation ke tarike se treatment kiya jaa rha hai.Operation cost details: Know more click here…

1.Extracapsular/Intracapsular cataract surgery costs- Rs.50,000-70,000.

2.Micro-incision Cataract Surgery costs- Rs.60,000-65,000.

3.Regular Phaco-cataract surgery costs- Rs.40,000-64,000.

4.Femtosecond Laser Assisted Cataract surgery costs- Rs.50,000-60,000.

Note: These all details can vary from place to place.

Que3: Kala Motiyabind in english?

Ans: Kala motiyabind ko english me Glaucoma bolte hai, jiska matlab Kala motia Or Kala paani hota hai.Aankh ki ek gambhie istithi jiska upchar na kiya jane par drishti haani or andhapan ho sakta hai.Yeh aankh ke bhitar badhte dabaav ke karan hota hai, jo optic nerve ko nuksaan pahuchata hai.

Que4: Kala motiyabind kya hota hai or iska ilaaj?

Ans: काला मोतियाबिंद” एक प्रकार का मोतियाबिंद होता है जिसमें आंख के लेंस का एक हिसा काला हो जाता है। इसका इलाज भी मोतियाबिंद सर्जरी के रूप में होता है, लेकिन इसमें कुछ विशेष तद्भव और सावधानियां जरूरी होती हैं।

काला मोतियाबिंद के ऑपरेशन (मोतियाबिंद सर्जरी) का कुछ महत्व पूर्ण तद्भव:

विशेष तकनीकें: काला मोतियाबिंद के ऑपरेशन में सर्जन को कुछ खास तकनीक का इस्तेमाल करना पड़ता है, जिसे काला हिसा धीरे-धीरे निकाला जा सके।

इंट्राऑपरेटिव चुनौतियाँ: क्या मोतियाबिंद सर्जरी के साथ इंट्राऑपरेटिव चुनौतियाँ भी आती हैं। सर्जन को ध्यान से काम करना पड़ता है ताकि आसपास की संरचनाओं को नुक्सान न हो।

पोस्टऑपरेटिव देखभाल: पोस्टऑपरेटिव देखभाल भी काला मोतियाबिंद के केस में महत्तव पूर्ण है। मरीज़ को ध्यान से मॉनिटर करना पड़ता है, ताकि किसी भी परेशानी या जटिलता को तूरंत देखा जा सके।

नियमित अनुवर्ती: नियमित अनुवर्ती नियुक्तियों के द्वार सर्जन देखते हैं कि ऑपरेशन के बाद आंख किस प्रकार का जवाब दे रही है, और कोई जटिलता नहीं है।

हर सर्जरी के मामले अलग होते हैं, और इसमे मरीज़ की स्थिति, मोतियाबिंद की गंभीरता, और सर्जन की विशेषज्ञता का भी बड़ा प्रभाव होता है। इसलिए, मोतियाबिंद सर्जरी के लिए आपको अपने नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए, जो आपके विशिष्ट मामले का मूल्यांकन करके सही इलाज का सुझाव दे सकता है।

Disclaimer : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

 

 

 

 

 

 

 

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